वेलेंटाइन संविधान

के लिये
भारत

विद्यालय/स्कूल

वैलेण्टाइन संविधान का 10+2 पाठ्यक्रम छात्रों की वाणिज्य संबंधी स्वाभाविक क्षमता को उभार कर उस का विकास करेगा, ताकि जो कुछ भी छात्र सीखें उसका जीवन में सार्थक व व्यावहारिक प्रयोग कर सकें व उससे धनोपार्जन भी कर सकें। छात्र काम करते हुये वास्तविक दुनिया में काम आने वाले उपयुक्त कौशल सीखेंगे। छात्रों को शिक्षा के साथ परामर्श दिया जायेगा, प्रशिक्षित किया जायेगा और उन पर निगरानी रखते हुये उनसे प्रक्षिक्षण के तौर पर अंशकालिक काम भी करवाया जायेगा। विद्यालय के संचालन में छात्र सीधे तौर पर शामिल रहेंगे। शिक्षकों व प्रशिक्षकों की निगरानी में छात्र हिसाब-किताब रखेंगे, प्रशासन, खरीदारी, पाक कला, खेती-बारी, सफ़ाई करना, कचरा-प्रबंधन, निर्माण-कार्य व स्वास्थ्य-सेवा संबंधी कार्य भी संपादित करेंगे।

मानवीय संबंध सिखाने वाली कक्षायें छात्रों को षड्यंत्रों, अफ़वाहों, धौंसबाज़ी आदि का सामना सत्य, आपसी संवाद व परिपक्वता से करना सिखायेंगी ताकि विद्यालय परिसर में में सकारात्मक, स्नेहिल व प्रोत्साहनकारी शिक्षण का वातावरण का सृजन हो। छात्र विद्यालय की समयाविधि में ही, तथा वयस्कगण शाम को व सप्ताहांत में रिश्तों में आम तौर पर आनेवाली समस्याओं पर व मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विद्यालय परिसर में ही शिक्षक व छात्र नि:शुल्क प्राथमिक चिकित्सा व दंत चिकित्सा-सेवायें (सीखने की सुविधाओं के साथ) प्राप्त करेंगे, तथा दिन में तीन जैविक भोजन (ऐसा भोजन जो रसायनिक खादों या कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से मुक्त हो) व व्यायाम की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे ताकि वे एकाग्र रह कर सीखने-सिखाने व कार्य करने के लिये तत्पर रह सकें, व जिससे उनको एक सुदृढ़ शारीरिक बुनियाद मिले, उनमें स्वस्थ आदतें पैदा हों, और फलत: भविष्य में हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भार भी कम पड़े। हर छात्र को आदर-सम्मान व अनुशासन का मूल्य समझने के लिये और आपातकालीन परिस्थितियों में अपना किरदार कैसे निभायें यह जानने-समझने के लिये एक महीने के सघन प्रशिक्षण शिविर (बूट कैम्प) में भाग लेना होगा।

विद्यालय/स्कूल
वेलेंटाइन संविधान

के लिये
भारत

विद्यालय/स्कूल

वैलेण्टाइन संविधान का 10+2 पाठ्यक्रम छात्रों की वाणिज्य संबंधी स्वाभाविक क्षमता को उभार कर उस का विकास करेगा, ताकि जो कुछ भी छात्र सीखें उसका जीवन में सार्थक व व्यावहारिक प्रयोग कर सकें व उससे धनोपार्जन भी कर सकें। छात्र काम करते हुये वास्तविक दुनिया में काम आने वाले उपयुक्त कौशल सीखेंगे। छात्रों को शिक्षा के साथ परामर्श दिया जायेगा, प्रशिक्षित किया जायेगा और उन पर निगरानी रखते हुये उनसे प्रक्षिक्षण के तौर पर अंशकालिक काम भी करवाया जायेगा। विद्यालय के संचालन में छात्र सीधे तौर पर शामिल रहेंगे। शिक्षकों व प्रशिक्षकों की निगरानी में छात्र हिसाब-किताब रखेंगे, प्रशासन, खरीदारी, पाक कला, खेती-बारी, सफ़ाई करना, कचरा-प्रबंधन, निर्माण-कार्य व स्वास्थ्य-सेवा संबंधी कार्य भी संपादित करेंगे।

मानवीय संबंध सिखाने वाली कक्षायें छात्रों को षड्यंत्रों, अफ़वाहों, धौंसबाज़ी आदि का सामना सत्य, आपसी संवाद व परिपक्वता से करना सिखायेंगी ताकि विद्यालय परिसर में में सकारात्मक, स्नेहिल व प्रोत्साहनकारी शिक्षण का वातावरण का सृजन हो। छात्र विद्यालय की समयाविधि में ही, तथा वयस्कगण शाम को व सप्ताहांत में रिश्तों में आम तौर पर आनेवाली समस्याओं पर व मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विद्यालय परिसर में ही शिक्षक व छात्र नि:शुल्क प्राथमिक चिकित्सा व दंत चिकित्सा-सेवायें (सीखने की सुविधाओं के साथ) प्राप्त करेंगे, तथा दिन में तीन जैविक भोजन (ऐसा भोजन जो रसायनिक खादों या कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से मुक्त हो) व व्यायाम की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे ताकि वे एकाग्र रह कर सीखने-सिखाने व कार्य करने के लिये तत्पर रह सकें, व जिससे उनको एक सुदृढ़ शारीरिक बुनियाद मिले, उनमें स्वस्थ आदतें पैदा हों, और फलत: भविष्य में हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भार भी कम पड़े। हर छात्र को आदर-सम्मान व अनुशासन का मूल्य समझने के लिये और आपातकालीन परिस्थितियों में अपना किरदार कैसे निभायें यह जानने-समझने के लिये एक महीने के सघन प्रशिक्षण शिविर (बूट कैम्प) में भाग लेना होगा।

विद्यालय/स्कूल
वेलेंटाइन संविधान

के लिये
भारत

विद्यालय/स्कूल

वैलेण्टाइन संविधान का 10+2 पाठ्यक्रम छात्रों की वाणिज्य संबंधी स्वाभाविक क्षमता को उभार कर उस का विकास करेगा, ताकि जो कुछ भी छात्र सीखें उसका जीवन में सार्थक व व्यावहारिक प्रयोग कर सकें व उससे धनोपार्जन भी कर सकें। छात्र काम करते हुये वास्तविक दुनिया में काम आने वाले उपयुक्त कौशल सीखेंगे। छात्रों को शिक्षा के साथ परामर्श दिया जायेगा, प्रशिक्षित किया जायेगा और उन पर निगरानी रखते हुये उनसे प्रक्षिक्षण के तौर पर अंशकालिक काम भी करवाया जायेगा। विद्यालय के संचालन में छात्र सीधे तौर पर शामिल रहेंगे। शिक्षकों व प्रशिक्षकों की निगरानी में छात्र हिसाब-किताब रखेंगे, प्रशासन, खरीदारी, पाक कला, खेती-बारी, सफ़ाई करना, कचरा-प्रबंधन, निर्माण-कार्य व स्वास्थ्य-सेवा संबंधी कार्य भी संपादित करेंगे।

मानवीय संबंध सिखाने वाली कक्षायें छात्रों को षड्यंत्रों, अफ़वाहों, धौंसबाज़ी आदि का सामना सत्य, आपसी संवाद व परिपक्वता से करना सिखायेंगी ताकि विद्यालय परिसर में में सकारात्मक, स्नेहिल व प्रोत्साहनकारी शिक्षण का वातावरण का सृजन हो। छात्र विद्यालय की समयाविधि में ही, तथा वयस्कगण शाम को व सप्ताहांत में रिश्तों में आम तौर पर आनेवाली समस्याओं पर व मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विद्यालय परिसर में ही शिक्षक व छात्र नि:शुल्क प्राथमिक चिकित्सा व दंत चिकित्सा-सेवायें (सीखने की सुविधाओं के साथ) प्राप्त करेंगे, तथा दिन में तीन जैविक भोजन (ऐसा भोजन जो रसायनिक खादों या कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से मुक्त हो) व व्यायाम की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे ताकि वे एकाग्र रह कर सीखने-सिखाने व कार्य करने के लिये तत्पर रह सकें, व जिससे उनको एक सुदृढ़ शारीरिक बुनियाद मिले, उनमें स्वस्थ आदतें पैदा हों, और फलत: भविष्य में हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भार भी कम पड़े। हर छात्र को आदर-सम्मान व अनुशासन का मूल्य समझने के लिये और आपातकालीन परिस्थितियों में अपना किरदार कैसे निभायें यह जानने-समझने के लिये एक महीने के सघन प्रशिक्षण शिविर (बूट कैम्प) में भाग लेना होगा।

विद्यालय/स्कूल