वेलेंटाइन संविधान

के लिये
भारत

एक नया संविधान क्यों?

हमारा मौजूदा संविधान हमारी समस्याओं व मुद्दों को हल कर पाने में असमर्थ रहा है, ऐसा न होता तो तमाम समस्यायें व मुद्दे अब तक समाप्त हो जाते । मौजूदा संविधान के ९०% (नब्बे प्रतिशत) प्रावधानों को जस का तस बनाये रखते हुये वैलेण्टाइन संविधान हमारी आज के आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं को एक साथ हल करता है । साथ ही हर एक की उन ज़रूरतों को पूरा करता है जिन ज़रूरतों को लोग सबसे अधिक महत्व देते हैं । केवल उन मुद्दों पर समझौता किया जायेगा जिन मुद्दों को लोग कम महत्वपूर्ण मानते हैं ।

हम सब की आम सहमति के बिना हम में से किसी की भी स्थायी प्रगति नहीं हो सकती है । किसी एक समस्या को एक समय में हल करने के प्रयास से केवल अविश्वास व लोगों के बीच विभाजन ही पनपेगा, और इस प्रकार से समस्या हल करने में बहुत अधिक समय भी लगेगा । किसकी समस्या पहले हल की जाये इस पर हम सभी लोग एक साथ कभी भी सहमत नहीं हो पायेंगे । इसके अलावा हर किसी की समस्या का समाधान दूसरों को भी किसी न किसी तरह से प्रभावित करता ही है, अत: हम सबको मिलजुल कर ही समस्याओं का समाधान तलाश करना होगा । वैलेण्टाइन संविधान के माध्यम से हम सब को पता चल पायेगा कि सभी समस्याओं के समाधान एक साथ मिल कर हम सब पर को कैसे प्रभावित करेंगे । हम सब को पता चल पायेगा कि हमें क्या-क्या प्राप्त हो रहा है और क्या-क्या ही जो हम छोड़ रहे हैं । साथ ही, इस माध्यम से हम भविष्य में पैदा हो सकने वाली समस्याओं के सही समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे ।

हमारे वर्तमान संविधान में ही मौजूद संशोधन के प्रावधानों द्वारा हम यह सब कुछ नियोजित, न्यायपूर्ण व शान्तिपूर्ण तरीके से हासिल कर सकते हैं ।

एक नया संविधान क्यों?
वेलेंटाइन संविधान

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एक नया संविधान क्यों?

हमारा मौजूदा संविधान हमारी समस्याओं व मुद्दों को हल कर पाने में असमर्थ रहा है, ऐसा न होता तो तमाम समस्यायें व मुद्दे अब तक समाप्त हो जाते । मौजूदा संविधान के ९०% (नब्बे प्रतिशत) प्रावधानों को जस का तस बनाये रखते हुये वैलेण्टाइन संविधान हमारी आज के आधुनिक जीवन की सभी समस्याओं को एक साथ हल करता है । साथ ही हर एक की उन ज़रूरतों को पूरा करता है जिन ज़रूरतों को लोग सबसे अधिक महत्व देते हैं । केवल उन मुद्दों पर समझौता किया जायेगा जिन मुद्दों को लोग कम महत्वपूर्ण मानते हैं ।

हम सब की आम सहमति के बिना हम में से किसी की भी स्थायी प्रगति नहीं हो सकती है । किसी एक समस्या को एक समय में हल करने के प्रयास से केवल अविश्वास व लोगों के बीच विभाजन ही पनपेगा, और इस प्रकार से समस्या हल करने में बहुत अधिक समय भी लगेगा । किसकी समस्या पहले हल की जाये इस पर हम सभी लोग एक साथ कभी भी सहमत नहीं हो पायेंगे । इसके अलावा हर किसी की समस्या का समाधान दूसरों को भी किसी न किसी तरह से प्रभावित करता ही है, अत: हम सबको मिलजुल कर ही समस्याओं का समाधान तलाश करना होगा । वैलेण्टाइन संविधान के माध्यम से हम सब को पता चल पायेगा कि सभी समस्याओं के समाधान एक साथ मिल कर हम सब पर को कैसे प्रभावित करेंगे । हम सब को पता चल पायेगा कि हमें क्या-क्या प्राप्त हो रहा है और क्या-क्या ही जो हम छोड़ रहे हैं । साथ ही, इस माध्यम से हम भविष्य में पैदा हो सकने वाली समस्याओं के सही समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे ।

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