के लिये
भारत
चुनाव
न्यायपालिका की एक तटस्थ संस्था हमारी चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन करेगी ताकि हमारे चयनित सदस्य काम करने में अधिक समय लगायें, चुनाव-प्रचार में कम समय बर्बाद करें, और चंदा उगाहने में और फिर उगाहे गये चंदे की भरपाई करने में तनिक भी समय नष्ट न कर पायें।मतदाताओं को सभी प्रत्याशियों के नये विचारों व दृष्टिकोणों से अवगत कराया जायेगा, तथा सर्वाधिक मनोवांछित ही प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। वैलेण्टाइन संविधान के अन्तर्गत मतदान करना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा, तथा वरीयता मतदान (ऐसा मतदान जिसमें मतदाता चुनाव में भाग ले रहे प्रत्याशियों में से प्रत्याशियों के प्रति अपनी पसंद को #१, #२, #३ आदि से व्यक्त कर सके) की व्यवस्था लागू की जायेगी, तथा यदि कोई प्रत्याशी चुनाव में पड़ने वाले कुल मतों का ५०% से कम मत प्राप्त करता है तो चुनाव दोबारा कराया जायेगा। प्रत्याशी या दल विशेष के हित में चुनाव क्षेत्र/निर्वाचन क्षेत्र में फेरबदल कर पाना संभव नहीं रहेगा जिससे नागरिकों को अपना मनपसंद प्रतिनिधि चुनने का पूरा अवसर मिल सके । चुनाव परिणाम की औपचारिक घोषणा से पूर्व होने वाले आकलनों, अटकलों व सर्वेक्षणों को पूर्णत: प्रतिबन्धित किया जायेगा तथा समाचारों या अन्य माध्यमों से किसी प्रत्याशी की छवि को धूमिल करने के किसी भी प्रयास पर भी पूर्ण प्रतिबंध होगा। किसी भी प्रत्याशी के पक्ष या विरोध में गुटबाज़ी करने पर प्रतिबंध होगा। चुनाव के लिये लिये जाने वाले चंदे को प्रतिबंधित किया जायेगा, विभागीय अध्यक्षों व पदाधिकारियों का उन निगमों व प्रतिष्ठानों के लिये चुनाव-कार्य करना प्रतिबंधित होगा जिन निगमों या प्रतिष्ठानों को वे संचालित करते हैं तथा तत्संबंधी सभी राजनैतिक अनुग्रहों को समाप्त किया जायेगा।
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न्यायपालिका की एक तटस्थ संस्था हमारी चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन करेगी ताकि हमारे चयनित सदस्य काम करने में अधिक समय लगायें, चुनाव-प्रचार में कम समय बर्बाद करें, और चंदा उगाहने में और फिर उगाहे गये चंदे की भरपाई करने में तनिक भी समय नष्ट न कर पायें।मतदाताओं को सभी प्रत्याशियों के नये विचारों व दृष्टिकोणों से अवगत कराया जायेगा, तथा सर्वाधिक मनोवांछित ही प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। वैलेण्टाइन संविधान के अन्तर्गत मतदान करना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा, तथा वरीयता मतदान (ऐसा मतदान जिसमें मतदाता चुनाव में भाग ले रहे प्रत्याशियों में से प्रत्याशियों के प्रति अपनी पसंद को #१, #२, #३ आदि से व्यक्त कर सके) की व्यवस्था लागू की जायेगी, तथा यदि कोई प्रत्याशी चुनाव में पड़ने वाले कुल मतों का ५०% से कम मत प्राप्त करता है तो चुनाव दोबारा कराया जायेगा। प्रत्याशी या दल विशेष के हित में चुनाव क्षेत्र/निर्वाचन क्षेत्र में फेरबदल कर पाना संभव नहीं रहेगा जिससे नागरिकों को अपना मनपसंद प्रतिनिधि चुनने का पूरा अवसर मिल सके । चुनाव परिणाम की औपचारिक घोषणा से पूर्व होने वाले आकलनों, अटकलों व सर्वेक्षणों को पूर्णत: प्रतिबन्धित किया जायेगा तथा समाचारों या अन्य माध्यमों से किसी प्रत्याशी की छवि को धूमिल करने के किसी भी प्रयास पर भी पूर्ण प्रतिबंध होगा। किसी भी प्रत्याशी के पक्ष या विरोध में गुटबाज़ी करने पर प्रतिबंध होगा। चुनाव के लिये लिये जाने वाले चंदे को प्रतिबंधित किया जायेगा, विभागीय अध्यक्षों व पदाधिकारियों का उन निगमों व प्रतिष्ठानों के लिये चुनाव-कार्य करना प्रतिबंधित होगा जिन निगमों या प्रतिष्ठानों को वे संचालित करते हैं तथा तत्संबंधी सभी राजनैतिक अनुग्रहों को समाप्त किया जायेगा।
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न्यायपालिका की एक तटस्थ संस्था हमारी चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन करेगी ताकि हमारे चयनित सदस्य काम करने में अधिक समय लगायें, चुनाव-प्रचार में कम समय बर्बाद करें, और चंदा उगाहने में और फिर उगाहे गये चंदे की भरपाई करने में तनिक भी समय नष्ट न कर पायें।मतदाताओं को सभी प्रत्याशियों के नये विचारों व दृष्टिकोणों से अवगत कराया जायेगा, तथा सर्वाधिक मनोवांछित ही प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। वैलेण्टाइन संविधान के अन्तर्गत मतदान करना कानूनी रूप से अनिवार्य होगा, तथा वरीयता मतदान (ऐसा मतदान जिसमें मतदाता चुनाव में भाग ले रहे प्रत्याशियों में से प्रत्याशियों के प्रति अपनी पसंद को #१, #२, #३ आदि से व्यक्त कर सके) की व्यवस्था लागू की जायेगी, तथा यदि कोई प्रत्याशी चुनाव में पड़ने वाले कुल मतों का ५०% से कम मत प्राप्त करता है तो चुनाव दोबारा कराया जायेगा। प्रत्याशी या दल विशेष के हित में चुनाव क्षेत्र/निर्वाचन क्षेत्र में फेरबदल कर पाना संभव नहीं रहेगा जिससे नागरिकों को अपना मनपसंद प्रतिनिधि चुनने का पूरा अवसर मिल सके । चुनाव परिणाम की औपचारिक घोषणा से पूर्व होने वाले आकलनों, अटकलों व सर्वेक्षणों को पूर्णत: प्रतिबन्धित किया जायेगा तथा समाचारों या अन्य माध्यमों से किसी प्रत्याशी की छवि को धूमिल करने के किसी भी प्रयास पर भी पूर्ण प्रतिबंध होगा। किसी भी प्रत्याशी के पक्ष या विरोध में गुटबाज़ी करने पर प्रतिबंध होगा। चुनाव के लिये लिये जाने वाले चंदे को प्रतिबंधित किया जायेगा, विभागीय अध्यक्षों व पदाधिकारियों का उन निगमों व प्रतिष्ठानों के लिये चुनाव-कार्य करना प्रतिबंधित होगा जिन निगमों या प्रतिष्ठानों को वे संचालित करते हैं तथा तत्संबंधी सभी राजनैतिक अनुग्रहों को समाप्त किया जायेगा।